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आज से लगेगा कोरोना वैक्सीन? जानिए सामान्य दिशा निर्देश, किसे और कब लगेगा कोरोना टीका |

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भारत शनिवार को देश में निर्मित टीकों के साथ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक का शुभारंभ करेगा - एक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित, दूसरा भारत बायोटेक इंटरनेशनल द्वारा एक राज्य-संचालित संस्थान के साथ। सबसे पहले वैक्सीन 3 करोड़ स्वास्थ्य और अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स के पास होगी, इसके बाद 50 से अधिक पुराने 27 करोड़ या उच्च जोखिम वाले माने जाएंगे। यहां दो दवाओं के पीछे की तकनीक पर एक नज़र डाली गई है। प्राथमिकता समूहों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सुरक्षा कर्माचारी, सेना और आपदा प्रबंधन स्वयंसेवक शामिल हैं। सरकार ने कहा है कि शनिवार को देश के 3,006 टीकाकरण स्थलों में से प्रत्येक में लगभग 100 लोग शॉट्स प्राप्त करेंगे। टीकाकरण का पहला चरण कुछ महीनों में पूरा होने की संभावना है। कोविशिल्ड ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित, कोविशिल्ड भारत जैसे देशों के लिए सबसे आशाजनक टीका बनकर उभरा है जहां लागत और लॉजिस्टिक्स एक महत्वपूर्ण विचार है। कोवाक्सिन भारतीय जैव प्...

सेना दिवस के अवसर पे जान ले सेना की ये बातें

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सेना दिवस   के अवसर पर पूरा देश   थल सेना   की वीरता अदम्य साहस और शौर्य की कुर्बानी की दास्तां को बयान करता है। जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली में   सेना मुख्यालय   के साथ-साथ देश के कोने कोने में शक्ति प्रदर्शन के अन्य कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। सेना दिवस , भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को   लेफ्टिनेंट जनरल   (बाद में   फ़ील्ड मार्शल )   के. एम. करियप्पा   के   भारतीय थल सेना   के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उन्होंने 15 जनवरी 1949 को   ब्रिटिश राज   के समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी   सेना   मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है जिन्होंने कभी ना कभी अपने   देश   और लोगों की सलामती के लिये अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया। https://www....

पोंगल

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                                            पोंगल 14 जनवरी का दिन उत्तर भारत में मकर संक्रान्ति के नाम से मनाया जाता है जिसका महत्व सूर्य के   मकर रेखा   की तरफ़ प्रस्थान करने को लेकर है। इसे   गुजरात   तथा   महाराष्ट्र   में   उत्तरायन   कहते हैं, जबकिll यही दिन   आन्ध्र प्रदेश,   केरल   तथा   कर्नाटक   (ये तीनों राज्य तमिल नाडु से जुड़े हैं) में संक्रान्ति के नाम से मनाया जाता है।   पंजाब   में इसे   लोहड़ी   के नाम से मनाया जाता है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में पोंगल का त्यौहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का स्वागत कुछ अलग ही अंदाज में किया जाता है। सूर्य को अन्न धन का दाता मान कर चार दिनों तक उत्सव मानाया जाता है और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया जाता है। विषय की गहराई में जाक...